WELCOME TO THIS BLOG

YOU ARE WELCOME TO THIS BLOG.

PLEASE VISIT UPTO END

first post 10-7-09

adsense code

Friday, July 22, 2011

Fwd: [jigyasa aur samadhan] मुझे क्रोध बहुत आता हे



---------- Forwarded message ----------
From: Madan Gopal Garga <mggarga@gmail.com>
Date: 2011/7/21
Subject: [jigyasa aur samadhan] मुझे क्रोध बहुत आता हे
To: mggarga1@gmail.com



प्रश्न :-मुझे क्रोध बहुत आता हे !क्रोध की स्थिति में कुछ भी कर डालता हूँ जो कई बार बहुत हानिकारक भी होता है ! में क्या करूँ कैसे अपने क्रोध को रोकूँ? 
गुरूदेव :-आप पहले तो एकांत में बैठकर यह विचार करें कि आपको क्रोध आता ही क्यों है !सामान्यत: व्यक्ति जो सोचता है वह नहीं हो पाए ,स्वार्थ सिद्धि  में बाधा आए , अथवा परिस्थितियाँ प्रतिकूल हो जाए तो क्रोध आता है ! हानि  से बचने के लिए आवश्यक यह है कि जब भी क्रोध आए , लम्बी गहरी श्वास लें और क्रोध के विषय से स्वंय को दूर ले जाए और प्रतिकार को २४ घंटे के लिए टाल दें !मन में अपने गुरु का ध्यान और मन्त्र जाप शुरू कर दें !बाद में एकांत में विचार करें इस स्थिति के लिए में कहाँ तक दोषी हूँ !


--
Posted By Madan Gopal Garga to jigyasa aur samadhan at 7/21/2011 05:41:00 PM

No comments:

Post a Comment